आसपासकहानी का कोना

*घुटन का अंत*

राहुल और अनन्या की शादी को पांच साल हो चुके थे। राहुल एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर था, जो अपने काम और परिवार के प्रति पूरी तरह समर्पित था।

 *घुटन का अंत*

 

राहुल और अनन्या की शादी को पांच साल हो चुके थे।

राहुल एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर था,जो अपने काम और परिवार के प्रति पूरी तरह समर्पित था। वह अनन्या से बेहद प्यार करता था। उसके लिए वह हर वो काम करने को तैयार था जिससे अनन्या खुश रह सके। लेकिन पिछले कुछ समय से राहुल के मन में एक गहरा दर्द था, जो उसे चुपचाप सताता रहता था। वह दर्द था अनन्या का व्यवहार।

अनन्या राहुल से प्यार तो करती थी,

लेकिन जब भी वह अपने मायके वालों के साथ होती, उसका व्यवहार राहुल के प्रति बदल जाता था। वह उसके सामने ही राहुल को नीचा दिखाने की कोशिश करती, उसकी बातों को हंसी में उड़ा देती, और कभी-कभी तो उसका खुलकर अपमान कर देती। राहुल इन बातों को चुपचाप सहन कर लेता, लेकिन हर बार उसका दिल टूट जाता।

एक दिन की बात है।

अनन्या के माता-पिता और भाई उनके घर आए हुए थे। राहुल ने उनके लिए खास तैयारी की थी। उसने अनन्या के पसंदीदा व्यंजन बनाए और घर को सजाया। वह चाहता था कि अनन्या के परिवार को उनका घर पसंद आए और वे खुश रहें। लेकिन जैसे ही सब लोग डिनर टेबल पर बैठे, अनन्या ने राहुल को नीचा दिखाने का मौका नहीं छोड़ा।

राहुल, तुमने यह सब्जी कैसे बनाई है?

यह तो बिल्कुल बेस्वाद है,” अनन्या ने डिनर टेबल पर ही राहुल को टोक दिया।
राहुल ने मुस्कुराने की कोशिश की और कहा, “शायद मैंने नमक कम डाल दिया। माफ करना, अगली बार ध्यान रखूंगा।”
लेकिन अनन्या ने उसकी बात को नजरअंदाज करते हुए अपने भाई से कहा, “देखो, यही तो समस्या है। इन्हें कुछ भी ठीक से करना नहीं आता। मैं हर चीज खुद ही करती हूं।”

राहुल का दिल भर आया,

लेकिन उसने कुछ नहीं कहा। वह चुपचाप खाना खाता रहा। उस रात जब सब सोने चले गए, तो राहुल अपने कमरे में अकेले बैठा रहा। उसकी आंखों में आंसू थे। वह सोच रहा था कि आखिर उसने ऐसा क्या किया है जो अनन्या उसे इतना नीचा दिखाती है। क्या उसका प्यार उसके लिए काफी नहीं था?

अगले दिन,

अनन्या के परिवार ने घूमने का प्लान बनाया। राहुल ने उनके लिए कार की बुकिंग की और सबके साथ चलने के लिए तैयार हो गया। लेकिन जैसे ही वे बाहर निकले, अनन्या ने फिर से राहुल को नीचा दिखाने की कोशिश की।
“राहुल, तुम्हारी ड्राइविंग इतनी धीमी क्यों है? क्या तुम्हें ड्राइविंग आती भी है?” अनन्या ने झल्लाकर कहा।

राहुल ने फिर से

मुस्कुराने की कोशिश की और कहा, “मैं सुरक्षित ड्राइव कर रहा हूं, अनन्या। बच्चे भी कार में हैं।”
लेकिन अनन्या ने उसकी बात को नजरअंदाज कर दिया और अपने भाई से कहा, “यह हमेशा ऐसे ही बहाने बनाता है।”

उस दिन राहुल ने तय किया कि वह अनन्या से बात करेगा। वह उससे प्यार करता था, लेकिन उसका यह व्यवहार उसे तोड़ रहा था। जब सब लोग घर लौटे और अनन्या के परिवार ने आराम करना शुरू किया, तो राहुल ने अनन्या को अकेले में बात करने के लिए कहा।

अनन्या, क्या हम बात कर सकते हैं?

राहुल ने धीरे से कहा।अनन्या ने उसकी तरफ देखा और कहा, “क्या बात है? जल्दी बताओ, मुझे काम करना है।”
राहुल ने गहरी सांस ली और कहा, “अनन्या, मैं तुमसे बेहद प्यार करता हूं, लेकिन जब तुम मेरा अपमान करती हो, तो मुझे बहुत दुख होता है। क्या तुम समझ सकती हो कि मैं क्या महसूस करता हूं?”

अनन्या ने राहुल की बात सुनी,

लेकिन उसके चेहरे पर कोई प्रतिक्रिया नहीं थी। वह बस चुपचाप खड़ी रही। राहुल ने फिर से कहा, “मैं तुम्हें खुश रखने के लिए हर संभव कोशिश करता हूं, लेकिन जब तुम मेरे सामने ही मेरा अपमान करती हो, तो मुझे लगता है कि मेरी कोई इज्जत नहीं है।”

अनन्या ने आखिरकार बोलना शुरू किया,

“राहुल, तुम समझते नहीं हो। मेरे परिवार के सामने मुझे अपनी बात रखनी पड़ती है। अगर मैं तुम्हें टोकती हूं, तो इसका मतलब यह नहीं कि मैं तुमसे प्यार नहीं करती।”
राहुल ने उसकी बात सुनी, लेकिन उसे लगा कि अनन्या उसकी भावनाओं को समझने की कोशिश नहीं कर रही है। वह चुपचाप वहां से चला गया।

कुछ दिनों बाद,

अनन्या के परिवार ने वापस जाने का फैसला किया। राहुल ने उन्हें स्टेशन तक छोड़ा और वापस घर आ गया। जब वह घर पहुंचा, तो अनन्या उसे देखकर मुस्कुराई।
“राहुल, तुम्हारे बिना घर सूना-सूना लगता है,” अनन्या ने कहा।
राहुल ने उसकी तरफ देखा और मुस्कुराने की कोशिश की। लेकिन उसके मन में अब भी वही दर्द था। वह जानता था कि अनन्या उससे प्यार करती है, लेकिन उसका व्यवहार उसे तोड़ रहा था।

उस रात,

राहुल ने फिर से अनन्या से बात करने का फैसला किया। वह जानता था कि अगर वह चुप रहा, तो उनके रिश्ते में दरार आ जाएगी।
“अनन्या, मैं तुमसे एक बार फिर बात करना चाहता हूं,” राहुल ने गंभीरता से कहा।
अनन्या ने उसकी तरफ देखा और कहा, “क्या बात है, राहुल? तुम इतने गंभीर क्यों हो?”
राहुल ने गहरी सांस ली और कहा, “अनन्या, मैं तुमसे बेहद प्यार करता हूं, लेकिन तुम्हारा व्यवहार मुझे तोड़ रहा है। मैं चाहता हूं कि तुम मेरी भावनाओं को समझो।”

अनन्या ने राहुल की बात सुनी

और इस बार उसके चेहरे पर एक अलग ही भाव था। वह समझ गई कि राहुल कितना दर्द महसूस कर रहा है। उसने राहुल के पास बैठकर उसका हाथ थाम लिया।
“राहुल, मुझे माफ कर दो। मैंने तुम्हें इतना दुख दिया है। मैं समझती हूं कि मेरा व्यवहार तुम्हें चोट पहुंचा रहा था। मैं वादा करती हूं कि अब ऐसा नहीं होगा,” अनन्या ने आंसू भरी आंखों से कहा।

राहुल ने अनन्या को गले लगा लिया

वह जानता था कि उनके बीच का प्यार कितना गहरा है। उसने अनन्या को समझाने की कोशिश की कि उनके रिश्ते में सम्मान और प्यार दोनों जरूरी हैं। अनन्या ने उसकी बात मान ली और उस दिन के बाद से उसने राहुल के साथ अपने व्यवहार में बदलाव लाना शुरू कर दिया।

लेकिन राहुल का दर्द अभी भी खत्म नहीं हुआ था

वह अनन्या के साथ रहता था, लेकिन उसके मन में एक गहरी घुटन थी। वह चुपचाप अपने दर्द को सहन करता रहा। धीरे-धीरे, वह डिप्रेशन में चला गया। उसने अपने दोस्तों और परिवार से दूरी बना ली। वह हमेशा उदास रहने लगा।

अनन्या ने राहुल के व्यवहार में बदलाव देखा,

लेकिन वह समझ नहीं पा रही थी कि उसे क्या करना चाहिए। वह राहुल से प्यार करती थी, लेकिन उसकी घुटन को समझने में असमर्थ थी। राहुल अंदर ही अंदर घुटता रहा, और एक दिन उसने खुद को अकेला पाकर अपने दर्द को और गहरा कर लिया।

 

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