चुनाव से पहले मुश्किल में केजरीवाल?
यमुना के पानी में जहर को लेकर बवाल मचा हुआ है। अरविंद केजरीवाल ने हरियाणा सरकार पर बड़ा आरोप लगाया जिसके बाद चुनाव आयोग ने केजरीवाल को नोटिस जारी कर कल तक सबूत मांगा है।

आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को हरियाणा की भाजपा सरकार पर यमुना के पानी को जहरीला करने का आरोप लगाया था, जिसके बाद चुनाव आयोग ने अरविंद केजरीवाल को नोटिस भेजा है और कल यानी बुधवार सबूत देने को कहा है। चुनाव आयोग ने आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने यमुना नदी में जहर डालने और सामूहिक नरसंहार के अपने गंभीर आरोपों को तथ्यों के साथ साबित करने को कहा है। ईसीआई ने विभिन्न न्यायिक घोषणाओं और कानूनी प्रावधानों का हवाला दिया है जिसके तहत राष्ट्रीय एकता और सार्वजनिक सद्भाव के खिलाफ ऐसे बयानों के लिए तीन साल तक की कैद हो सकती है।
आयोग ने नोटिस में कही ये बात
आयोग ने कहा कि इस तरह के आरोपों से क्षेत्रीय समूहों और पड़ोसी राज्यों के निवासियों के बीच दुश्मनी पैदा होने, पानी की वास्तविक या कथित कमी या अनुपलब्धता के कारण कानून-व्यवस्था की स्थिति का खतरा पैदा होने का गंभीर प्रभाव पड़ता है। आयोग ने केजरीवाल को 29 जनवरी, 2025 को रात 8 बजे तक शिकायतों पर अपना जवाब देने का निर्देश दिया है, खासकर तथ्यात्मक और कानूनी मैट्रिक्स के साथ साक्ष्यात्मक समर्थन के साथ ताकि आयोग मामले की जांच कर सके और उचित कार्रवाई कर सके।
केजरीवाल ने लगाया था आरोप
केजरीवाल ने सोमवार को दावा किया था कि भाजपा “अराजकता पैदा करने के प्रयास में हरियाणा से दिल्ली आ रहे यमुना के पानी में जहर मिला रही है… उम्मीद है कि दोष उनकी पार्टी के प्रशासन पर आएगा।दिल्ली के लोगों को पीने का पानी हरियाणा और उत्तर प्रदेश से मिलता है… लेकिन हरियाणा सरकार ने यमुना से दिल्ली आने वाले पानी में जहर मिलाकर यहां भेज दिया है… यह हमारे दिल्ली जल बोर्ड के इंजीनियों की सतर्कता ही है कि यह पानी रोक दिया गया है। हालांकि केजरीवाल के इस दावे का दिल्ली जल बोर्ड के मुख्य अभियंता ने विरोध किया और कहा कि इससे लोगों में भय फैल सकता है।
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