मन की बात

10 साल और 115 असफल प्रयासों के बाद, रवि रंजन बने “मन की बात क्विज” के लकी विनर,

Mann ki Baat Quiz: रवि रंजन की कहानी यह साबित करती है कि असफलता केवल सफलता का पहला कदम है. 10 साल और 115 असफल प्रयासों के बावजूद, उन्होंने मन की बात क्विज में जीत हासिल की और झारखंड का नाम गर्व से रोशन किया. यह कहानी हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणा है, जो अपने सपनों को साकार करने के लिए मेहनत और धैर्य का साथ नहीं छोड़ते.

कोडरमा: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “मन की बात” कार्यक्रम ने देशभर में प्रेरणादायक कहानियों और योजनाओं को साझा करने का मंच प्रदान किया है. इसी के तहत आयोजित “मन की बात क्विज कॉन्टेस्ट” में लाखों लोग हर महीने हिस्सा लेते हैं. लेकिन कोडरमा जिले के रवि रंजन की कहानी असाधारण है. उन्होंने 10 वर्षों तक लगातार इस क्विज में हिस्सा लिया, 115 बार असफलता का सामना किया, और आखिरकार 116वें एपिसोड में लकी विनर बनकर झारखंड का नाम रोशन किया.

10 वर्षों से नियमित भागीदारी
रवि रंजन, जो हैंड इन हैंड इंडिया संस्था में डीजीएम हैं, ग्रामीण क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाएं और स्वरोजगार उपलब्ध कराने के लिए काम करते हैं.

उन्होंने बताया कि वे 2014 से “मन की बात” कार्यक्रम के हर एपिसोड को ध्यानपूर्वक सुनते हैं.
इस कार्यक्रम से उन्हें देशभर की नवीनतम जानकारी और योजनाओं के बारे में अपडेट मिलता है.
कार्यक्रम के बाद आयोजित क्विज कॉन्टेस्ट में वे लगातार हिस्सा लेते रहे, लेकिन लंबे समय तक सफलता हाथ नहीं लगी.
115 असफल प्रयास और सफलता की कहानी
रवि रंजन ने 10 वर्षों में एक भी क्विज को छोड़ने का विचार नहीं किया.

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